
Written By
Gajendra kushwaha
कुछ तो था उसके होठों में, पर न जाने क्यों शर्माती थी..! एक दिन वो खुलकर हँसी तो फिर पता चला कि, मोहतरमा तम्बाकू खाती थी..!! ✍️♥️ |
कुछ तो था उसके होठों में, पर न जाने क्यों शर्माती थी..! एक दिन वो खुलकर हँसी तो फिर पता चला कि, मोहतरमा तम्बाकू खाती थी..!! ✍️♥️ |
मेरे हाथ में फूल है, कोई असला तो नही..! ईद के बाद तुमसे निकाह कर लूं कोई मसला तो नहीं..!! ✍️♥️ |
न किसी की कसम, न किसी का बस्ता..! गोली मारो मोहब्बत को, चलो करते हैं नाश्ता..!! ✍️♥️ |